मुंबई – तृप्ति निंबुलकर
कोरोना से लड़ने के लिए आम जनता से सभी सहयोग मांग रहे है ताकि इस जंग को जीता जा सके जनता का इतना ही समर्थन चाहिए कि वो अपने घरों में रहे और सरकार द्वारा हर तरह की सुविधा देने का प्रयास किया जाएगा , नेता अपने घरों में वक्क्त बिता रहे है और जनता सड़को पर आने को परेशान है पुलिस वाले , डॉक्टर सभी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है ताकि हम मौत के दहलीज तक नही पहुच सके लेकिन हम उन्हें ही अपना दुश्मन समझने लगे है।
समाज सेवक सड़को पर उत्तर कर अपना दाईत्व निभाने का प्रयास कर रहे है भूखों को खाना खिलाने का तो कुछ पैदल ही सेकड़ो किलोमीटर की दूरी तय करते हुए अपने घर की तरफ निकल गए है।
21 दिन घर मे रहने का क्या आव्हान किया गया लोगों को यह लगने लगा कि यह उन पर कितना जुल्म कर दिया गया है यह जुल्म अगर है भी तो आप के लिए और आप के परिवार के लिए है , कभी कहते थे यार वक्क्त नही मिलता है घरवालों के लिए अब मिला है तो उसे खुशी से बिताना चाहिए नाकि शिकायत करने चाहिए।
रिश्ते की एहमियत अपनो से प्यार अक्सर मुसीबत के वक्त ही समझ मे आती है मेरे यार , यह एक जंग है जिसे हमे जितना है और इसके लिए बस एक छोटा सा सहयोग करना है बस अपने घर मे रहे और सुरक्षित रहे।