MBMC कम्युनिटी किचन का खाना क्यों बहाया जा रहा है सड़कों पर…?
मीरा- भयंदर – (फिरोज खान )
मीरारोड़ – कोरोना वायरस को मात देने के लिए मीराभायंदर महानगरपालिका के छोटे से बड़े अफसर अपनी परवाह किए बगैर रात दिन शहर वासियों की सेवा में लगे है। इस सेवा कि जितनी सराहना की जाए वह कम है।कोरोना की संकट घड़ी में कोई भूखा न रह जाए इस मकसद से MBMC ने बहुत अच्छाकदम उठाते हुए कम्युनिटी किचन की शुरुआत की । इसतरह महत्वपूर्ण कदम उठाने से रोजाना शहर में हजारों लोगों को पेट भर रहा है।
ऐसे में चंद कर्मचारियों की लापरवाही के चलते MBMC की सारी मेहनत पर पानी फिरता नज़र आ रहा है। इसके अलावा कई ऐसे सवाल खड़े कर दिए हैं,जिसका जवाब दे पाना मुश्किल नज़र आ रहा है।वार्ड क्रमांक 4 के निवासियों ने कम्युनिटी किचन के खाने के बारे में जो जानकारी दी वह हकीकत में हैरान कर देने वाला मामला है।यहां के लोगों का कहना है “ऐसी मुश्किल घड़ी में खाना मिल जाना ही बहुत बड़ी बात है। हम इसके आभारी हैं ।एमबीएमसी से इतना ही अनूरोध है कि जो भु खाना दे कमस कम खाने लायक तो रहे। हम कोई स्वादिष्ट व्यंजनों की उम्मीद नहीं करते हैं,लेकिन कच्चा चावल,कच्ची सब्जी तो न दे।
इन लोगों का कहना है भूख होने के बावजूद खाना गले से नहीं उतरता है।कितने लोग तो खाने पैकेट सड़कों पर फेंक देते हैं।” लोगों का कहना है चावल की मात्रा के मुताबिक स्बजी भी नहीं होती है।यूं हीं सुखा चावल ही खाना पड़ता है। इस सिवसिले में पत्रकार अरुण चौबे ने MBMC के आला अफसरों इस बाबत शिकायत की है,लेकिन अब तक किसी भी अधिकारी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
पत्रकार अरुण चौबे का कहना है ,जब सारा राशन और अन्य चीजों का खर्चा महानगरपालिका उठा रही है,तो खाना बनाने में इतनी बड़ी लापरवाही क्यों ? सारी सुविधा सारी चीजें मुहैया होने के बावजूद बेलज्जत खाना क्यों परोसा जा रहा है। स्थानीय विधायक ,सांसद और आला अफसरों को इस पर ठोस कदम उठाने की जरुरत है।