महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स के लिए आज हो सकता है अहम फैसला।
सुप्रीम कोर्ट 15 महानगर पालिका में होने वाले चुनाव में 27% सीटे OBC आरक्षित रखना है या नहीं पर महत्वपूर्ण फैसला सुनायेगा। महाराष्ट्र में 33-38% OBC समुदाय के लोग हैं। ऐसी रिपोर्ट OBC आयोग ने राज्य सरकार को सौंपी है। अब फैसले का इंतजार ।
राज्य सरकार ने भी कानून बनाया है कि बिना ओबीसी राजनीतिक आरक्षण के कोई चुनाव नही होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय निकायों के चुनाव में ओबीसी आरक्षण के खत्म कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने निर्देशित किया है कि किसी भी हाल में आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती है. इसके अलावा कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के दावे के पक्ष में राज्य को इम्पीरिकल डेटा एकत्र करने का निर्देश दिया है. इस डेटा से यह साफ हो जाएगा कि किसी भी राज्य में किसी जाति को क्यों पिछड़ी जाति मानी जाए. इससे यह पता लगेगा कि पिछड़ी जाति की असल तादाद कितनी है. इस डेटा को एकत्र करने के लिए राज्य सरकार द्वारा समय की मांग की जा रही है. दूसरी तरफ केंद्री की ओर से जातीय जनगणना पर रोक लगा दी गई है. यानी जबतक इम्पीरिकल डेटा जुटाए नहीं जाते, तब तक किसी भी आबादी को राजनीतिक रूप से पिछड़ा वर्ग कैसे मान लिया जाएगा.