चुनावी वादों के शोर में सरकारी अस्पताल दम तोड़ रहा है…
नेताओं के प्राइवेट अस्पतालों की वजह से सरकारी अस्पताल का बुरा हाल
मीरा-भायंदर – संवादाता
मीरा भायंदर इन दिनों चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। सभी पार्टी के उम्मीदवार वोट के बदले अलग अलग सहुलत देने का वादा कर रहे हैं लेकिन सबसे अहम मसला गायब है। कहने को तो मीरा भायंदर में 200 बेड वाला पंडित भीमसेन जोशी अस्पताल है, लेकिन यह अस्पताल खुद बीमार है। करोड़ों की लागत से बना मनपा का जोशी अस्पताल अब अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। खस्ता हाल लिफ्ट ,ईसीजी मशीनें खराब।
यहां के रहनेवाले असलम शेख का कहना है डिलीवरी फंस जाने पर यहां के डाक्टर मरीज को प्राइवेट अस्पताल जाने की सलाह देते हैं। उमाशंकर का कहना है यहां दवाइयों की कमी हमेशा रहती है। परवेज शेख ने बताया उनकी बीवी को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन कोई सुविधा नहीं होने के कारण बड़ी मुसीबत उठानी पड़ी। यहां के समाज सेवक वसीम कुरेशी का कहना है नेता जानबूझकर सरकारी अस्पताल को सुधारना नहीं चाहते है क्योंकि उनके प्राइवेट अस्पताल खतरे में पड़ जाएंगे।
मौजूदा विधायक नरेंद्र मेहता से सवाल करने पर उनका कहना है सरकारी अस्पताल को हाइटेक बनाने की कोशिश जारी है।